US Tariffs on Indian Exports 2025: भारत पर असर, कारण और रणनीति US Tariffs क्या हैं?

दोस्तों टैरिफ का मतलब है एक तरह का टैक्स, जो कोई देश दूसरे देश से आने वाले सामान पर लगाता है। 2025 में अमेरिका ने भारत समेत other देशों पर reciprocal tariffs लगाए हैं। यानी अगर भारत अमेरिका के सामान पर टैक्स लगाता है, तो अमेरिका भी भारत के सामान पर वैसा ही टैक्स (US Tariffs) लगाएगा। अप्रैल 2025 में America ने भारत के सामान पर 26% का टैरिफ लगाया और फिर अगस्त में इसे 25% कर दिया कुछ सेक्टर्स जैसे pharmaceuticals और semiconductors को छूट मिली है, लेकिन बाकी कई इंडस्ट्रीज पर affect  पड़ेगा।

US Tariffs

भारत पर इसका असर

ये टैरिफ भारत की economy के लिए थोड़ा टेंशन वाला है। भारत का अमेरिका के साथ ट्रेड बहुत बड़ा है ,2024-25 में हमारा bilateral trade $186 बिलियन था जिसमें $86.5 बिलियन का एक्सपोर्ट था। लेकिन अब US Tariffs की वजह से कुछ सेक्टर्स को loss होगा। चलिए एक table से समझते हैं कि कौन-कौन से सेक्टर्स affect  होंगे:

सेक्टर असर
Textiles & Apparel अगर चीन और वियतनाम पर ज्यादा टैरिफ रहे, तो भारत को फायदा हो सकता है। लेकिन high-margin फैब्रिक्स में नुकसान होगा।
Gems and Jewellery $9 बिलियन का एक्सपोर्ट प्रभावित। कीमतें बढ़ेंगी, ऑर्डर कैंसिल हो सकते हैं।
Auto Components 25% टैरिफ से लागत बढ़ेगी, जिससे गाड़ियों के पार्ट्स महंगे होंगे।
Electronics स्मार्टफोन्स और टेलीकॉम प्रोडक्ट्स पर 12% की गिरावट हो सकती है।
Pharmaceuticals अच्छी खबर, इस सेक्टर को टैरिफ से छूट मिली है।

Expert का कहना है कि भारत का कुल एक्सपोर्ट $5.76 बिलियन तक decrease हो सकता है, GDP पर भी 0.2-0.4% का असर पड़ सकता है। लेकिन चिंता की बात नहीं क्योंकि भारत की इकॉनमी ज्यादातर domestic demand पर चलती है इसलिए ये नुकसान बहुत बड़ा नहीं होगा।

क्यों लगाए गए ये टैरिफ(US Tariffs)?

अब सवाल ये है कि अमेरिका ने ये टैरिफ क्यों लगाए? इसके पीछे कुछ main reasons हैं:

  1. Trade Deficit: अमेरिका का कहना है कि भारत के साथ उसका trade deficit $46 बिलियन का है। यानी, हम उनसे ज्यादा सामान बेचते हैं, और वो हमसे कम खरीदते हैं।
  2. Reciprocity: अमेरिका चाहता है कि भारत अपने टैरिफ कम करे। जैसे, भारत अमेरिका से आने वाले apples पर 50% टैक्स लगाता है, लेकिन अमेरिका में ये duty-free हैं।
  3. Russia Connection: ट्रंप ने भारत के रूस से तेल और डिफेंस equipment खरीदने पर नाराजगी जताई है। इसके लिए extra penalty की बात भी हुई है।
  4. Protecting US Industries: अमेरिका अपनी इंडस्ट्रीज को बचाना चाहता है। ट्रंप का मानना है कि टैरिफ से अमेरिकी प्रोडक्ट्स को boost मिलेगा।

ट्रंप ने इसे “Golden Rule” कहा है – “जैसा तुम हमारे साथ करो, वैसा हम तुम्हारे साथ करेंगे।” लेकिन कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये टैरिफ WTO rules के खिलाफ हो सकते हैं।

भारत की रणनीति क्या हो सकती है?

तो, भारत इस challenge का जवाब कैसे दे सकता है? कुछ strategies हैं जो भारत अपना सकता है:

  • New Markets ढूंढना: भारत को EU, Middle East, और Africa जैसे नए मार्केट्स में एक्सपोर्ट बढ़ाना चाहिए। जैसे, UAE और UK के साथ Free Trade Agreements (FTAs) फाइनल हो रहे हैं।
  • Retaliatory Tariffs: भारत भी अमेरिका से आने वाले apples, almonds, और motorcycles पर टैक्स बढ़ा सकता है। पहले भी 2018 में भारत ने ऐसा किया था।
  • Domestic Production: Make in India और Production-Linked Incentive (PLI) schemes को और boost करना चाहिए। इससे हम imports पर कम depend रहेंगे।
  • Trade Talks: भारत और अमेरिका के बीच trade agreement की बातचीत चल रही है। अगर ये डील हो जाती है, तो टैरिफ कम हो सकते हैं।
  • Services Sector: IT, telemedicine, और edtech जैसे सेक्टर्स में एक्सपोर्ट बढ़ाने का मौका है। ये सेक्टर्स टैरिफ से कम प्रभावित होते हैं।

भारत की strength ये है कि हमारी इकॉनमी domestic demand पर ज्यादा depend करती है। साथ ही, pharmaceuticals और IT जैसे सेक्टर्स में हमारी पकड़ मजबूत है।

Kya Kahte Hai Expert US Tariffs ke liye ?

चलिए कुछ एक्सपर्ट्स की opinion सुनते हैं:

“भारत को new मार्केट्स जैसे Middle East और Africa में फोकस करना चाहिए। साथ ही, government को export subsidies और FTAs पर काम करना चाहिए।” – Dr. Manoranjan Sharma, Chief Economist, Infomerics

“25% टैरिफ से भारत की GDP पर 0.3-0.4% का असर हो सकता है, लेकिन हमारी domestic economy इसे handle कर सकती है।” – Rajani Sinha, CareEdge Ratings

“Textile exporters को Vietnam and Indonesia से competition का डर है हमें alternative markets ढूंढने होंगे।” – Rajeev Gupta, RSWM Ltd

आखिरी बात

दोस्तों, US tariffs भारत के लिए एक challenge तो हैं, लेकिन panic करने की जरूरत नहीं। भारत की इकॉनमी strong है, और हमारे पास कई options हैं। नए मार्केट्स, trade deals, और domestic production से हम इस situation को handle कर सकते हैं। साथ ही, trade talks में अगर डील हो जाती है, तो ये टैरिफ हट भी सकते हैं।

आपको क्या लगता है? क्या भारत को retaliatory tariffs लगाने चाहिए or trade talks पर फोकस करना चाहिए? कमेंट में बताइए, और twistkhabar.com पर ऐसे ही interesting articles पढ़ते रहिए!

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